Friday 23 August 2013

दामिनी की स्मृति में-1


जहाँ कहीं भी
हो नारी का सम्मान
बसें देवता
                ***
अजीब व्याख्या
करें चीरहरण
पूजते नारी
                ***
बदले युग
मानव तुम कभी
हुए ना सभ्य
                ***

1 comment:

  1. बहुत ही सुंदर और सटीक.

    रामराम.

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