Wednesday, 22 January 2014

तुम हो एक वृक्ष



तुम हो एक वृक्ष



संग तुम्हारा
ज़ेहन में अब भी
बसे हैं किस्से
   ***
ना भूला कभी
वो छलकती हँसी
निर्मल छवि
   ***
जन्मों का साथ
तुम हो एक वृक्ष
मैं एक डाली

   ***

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