Sunday 26 January 2014

शब्दों के पुल




शब्दों के पुल

आड़ी-तिरछी
जीवन की डगर
सँभलकर
***    
जुड़ें हैं हम
विविध होकर भी
ज्यों मालगाड़ी
***    
मिलाए छोर
जीवन और मृत्यु
शब्दों के पुल

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